काफी दिन हो गए, पंडित जी से मिले। आज सोचा चलो पंडित जी से मिला जाये,

कोई चर्चा की जाये, ये सोच कर हमने पंडित जी के घर का रुख किया, लेकिन पंडित जी घर के पास एक दुकान पर बैठे न्यूज़ पेपर पढ़ते हुए मिल गए।

प्रणाम पंडित जी … घुटने को छूते हुए और पास में रखी खाली चेयर पर बैठते हुए मैं बोला। पंडित जी ने हमेशा की तरह बिना मुंह उठाये बोले, आ गए बच्चू, कैसे हो ? आपकी कृपा है पंडित जी।
हूँ … पंडित जी ने करीने से पेपर अपने पास रखे टेबल पर रखते हुए मेरी और मुखातिब हुए, और कैसे आना हुआ ?
कई दिनों से आपसे मुलाकात नहीं हुई थी। आज सोचा चलो पंडित जी से मिल भी लेते हैं, कुछ राजनीति पर नेताओं की चर्चा भी कर लेते हैं, और आपके विचार भी जान लेते हैं। मैंने एक लम्बी साँस ली। पंडित जी ये बंगाल में चुनाव –

चुनाव आयोग ने कोलकाता में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हिंसा भड़कने के बाद संविधान की धारा ३२४ के तहत मिले अधिकार का उपयोग करते हुए बीस घंटे पहले ही चुनाव प्रचार पर पाबंदी लगा दी। देश की आजादी के बाद ये
पहली बार हुआ है। क्या… ये ममता सरकार की कानून ब्यवस्था कायम रखने में नाकामी नहीं दर्शाता ? क्या संविधान के तहत मिले विचारों की अभिव्यक्ति का अधिकार छीनने की कोशिश नहीं है ? और तो और कभी अमित शाह के हलोकॉप्टर को लैंड करने की इजाजत नहीं दी जाती। और अब आजादी से पहले के पुनर्जागरण काल के प्रतीक पुरुष ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। और दोनों एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं। और तो और बीजेपी ने तो यह भी एलान कर दिया है, हम सत्ता में आये तो पंच धातु की मूर्ति बनवाएँगे। बंगाल में राजनीति किस हद तक गिर गयी है।
ममता दीदी और बीजेपी में तो बड़ी लड़ाई छिड़ गयी है।
पंडित जी ने अपनी उँगलियाँ अपने विरले बालों में घुमाते हुए मुझे बोले …सुन बच्चू ये वोटों की राजनीति है, ममता को पता है, यदि सत्ता में बने रहना है, तो
किसी भी पार्टी को शुरू में ही पैर जमाने से रोकना होगा। और ममता दीदी बीजेपी को किसी भी हालत में मतदाताओं के ध्रुवीकरण को रोकने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। वो चाणक्य की साम दाम दंड भेद की नीति चुनाव में अपना की नीति चुनाव में अपना रही है। और जब सवाल महत्वकाँक्षा का हो जाये तो ये सब होना स्वाभाविक है।
अच्छा पंडित जी इधर पंजाब कांग्रेस में भी बस ठीक ही ठीक है, सिद्धू अपनी पत्नी डॉ सिद्धू का टिकट चंडीगढ़ से कटवाने का आरोप कैप्टन पर मढ़ रहे हैं।

और उधर कैप्टन ने सफाई दी है की मैंने कोई किसी का टिकट नहीं कटवाया। लेकिन चंडीगड़ में डॉ सिद्धू से अच्छे उमीदवार बंसल हैं। कैप्टन ने ये दो बातें…

तो इसमें कौन सी बड़ी बात है बच्चू, कैप्टन ने इशारा तो कर ही दिया है, अपने सामने कोई किसी को ऊपर आने क्यों देगा।
कैप्टन मंझे हुए खिलाडी हैं। अब आगे तू खुद समझ जा।
पंडित जी भोपाल में बीजेपी की उमीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने ये क्या कह दिया नाथूराम गोडसे देश भक्त था। उधर पार्टी ने उससे पल्ला झाड़ लिया है।

अबे सुन वो ठहरी साध्वी। वैसे भी वो कई साल कांग्रेस सरकार द्धारा भगवा आतंकवादी के आरोप में जमानत पर जेल में प्रताड़ित होकर बाहर आई है। और उसको बीजेपी ने दिज्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में उतार दिया। अब वो कोई राजनीति की खिलाडी तो है नहीं। रही पार्टी की उसके बयान से किनारा करने की तो वोट भी तो लेने हैं, तभी तो सीट बच पायेगी। देख बच्चू
एक बार वो यदि जीत गई तो राजनीति तो खुद बे खुद आ जाएगी। मतदाताओं का धुर्वीकरण भी तो करना है।
अच्छा पंडित जी एक बात तो बताओ अबकी बार आपको क्या लग रहा है, कोई लहर किसी पार्टी की तो लग नहीं रही। कौन सी पार्टी केंद्र में सरकार बनाएगी।
अबे बच्चू, पंडित जी तपाक से बोले लहर क्या देखता है, लहर चाहे हो या नहीं, देश में एक बात तो नजर आ रही है न…
मैं कुछ समझा नहीं पंडित जी, धीरे से मैं बोला ..
इसमें समझ न आने वाली कोई बात नहीं, देश में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत है। सरकार किसी की भी बने, बस देश खुशहाल और मजबूत बने। ये कहते ही पंडित जी उठकर जाने को हुए।
मैंने भी पंडित जी को प्रणाम किया और आ गया।
Great…✍️😎✌️
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धन्यवाद जी
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